5  सितम्बर - शिक्षक दिवस, पढ़ाने की एक तकनीक ऐसी भी , पाठ्यक्रम का जीवंत प्रसारण

Teacher's Day

5  सितम्बर - शिक्षक दिवस, पढ़ाने की एक तकनीक ऐसी भी , पाठ्यक्रम का जीवंत प्रसारण

(खास लेख: मनीषा शुक्ला)

सूरत: सूरत महानगर द्वारा संचालित नवागाम स्थित श्रीमती सोनियाबाई फुले प्रा. कन्या शाला नं-47 हिंदी विषय में शिक्षक किरण जगदेवराव वानखेड़े(41) का आदर्श वाक्य कुछ ऐसा ही है। जिससे बच्चों की पढ़ाई भी पूरी होती है और उन्हें आनंद का अनुभव भी होता है। टीचर्स किरण पिछली 21 में टीचर्स से टीचर्स की भूमिका अदा कर रही हैं। किरण का मिश्रण बिल्कुल अनोखा है। बच्चों के सामने पाठ्यक्रम का जीवंत प्रसारण फिर से बेकार विषय कोई भी हो। 

किरण कहती हैं कि पढ़ाई करने में समय नहीं लगता बस आप ऐसा खेल खेलो मनोरंजन के साथ पढ़ाई भी हो जाए। आप सभी का कहना है कि बच्चे को पूरे दिन कंचा खेलने में समय नहीं लगता है, लेकिन हमने एक ऐसा गणन यंत्र बनाया है जिससे बच्चे पूरे दिन कंचा खेल में गिनती सीख जाते हैं।

वो पढ़ाई में प्रवेश पत्र व्यवहार का उदाहरण देता है कि पाठ्यक्रम के आधार पर हम अपनी कक्षा में प्रत्यक्षीकरण करते हैं। जिसमें विद्यार्थिनियों द्वारा एक लाल पोस्ट बॉक्स तैयार किया गया है। सभी छात्र-छात्राओं के पत्र ऑनलाइन अपलोड किये जाते हैं। इससे शिशु पत्र व्यवहार की प्रणाली से परिचित हो जाता है। बच्चों का कला कौशल सिमित न रहे इसलिए किरण ने 'मेरा ब्लैक बोर्ड' की 'क्रांति' की। किरण का कहना है कि उसके ब्लैक बोर्ड पर कविता, कहानी, पेंटिंग, निबंध, सामान ज्ञान के प्रश्न लिखे गए हैं, इसमें बच्चों के लिखे सभी सामग्री स्कूल के सभी शिक्षक, बच्चों के माता-पिता के पास आते हैं, जिससे सभी दोस्तों के कौशल मिलते हैं। अज्ञात हो सके, आनेवाले कल के लिए बेहतर कवि, लेखिका या चित्रकार तैयार कर सके।       

अपनी बात में आगे कहा गया है कि चाइल्ड डायलॉग से धमाका हो सके इसके लिए जर्नल काउंसिल का आयोजन किया जाता है। ताकि वह लोगो के सामने अपने सामान के साथ रख सके। बच्चों का अक्सर होता है मिलेट्स ईयर क्या है सवाल? मिलेट्स के प्रति जागृति आये इसलिए हम क्लास में उनका ही डेमो देते हैं। कुछ बैचलियंस मिलेट्स से बनी डिशेज क्लास में लाती हैं और ब्रेकिंग डिशेज टाइम उनके वीडियो भी बनाती हैं जिन्हें और ग्रेजुएशन्स को ऑफर किया जाता है।

भूतकाल का एक किस्सा याद करते हुए कहा गया कि उन्होंने अपनी पुरानी विद्यार्थिनी के बारे में बताया था, जिसे उन्होंने अपने भाई-बहन और माता से सीखकर आर्थिक उपार्जन करने की सलाह दी थी और कुछ साल बाद अपने पिता के साथ वह कला सीखी। पोषण पोषण। बस वहीं से ली गई लड़कियों को कला क्षेत्र में नया रूप देने आए, उन्हें जीवन में आत्मनिर्भर बनने के लिए आशीर्वाद देने का मन ही मन थान।                                       

पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूल में ही एक 'इको क्लब' की शुरुआत की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि आज सभी बच्चों की देखभाल यहीं की जाती है। अपने घर में भगवान की पूजा में उपयोग किए गए फूलों को लेकर बच्चे उसी से खाद बनाते हैं। दर्शन तालीम को महत्वपूर्ण बताया गया वो पाठ्यक्रम के अनुसार अपने छात्रों को हस्तकला, ​​बागवानी, इनोवेशन आदि की शिक्षा प्रदान करता है।

अपने संघर्ष के बारे में उपदेशक ने कहा कि मेरी शिक्षा विकट परिस्थिति में है। उस समय लड़कियों के लिए गाइन चयन क्षेत्र का ही चयन होता था। इसलिए आज संगीतमय वक्ता के साथ कन्या शिक्षण को दे यही सलाह को बढ़ावा दें कि बड़ा सपना देखें क्योंकि आकाश गिर गया है, जहां ढूंढो अपना आशियाना बनालो।

नगर प्राथमिक शिक्षण समिति और प्रारंभिक शिक्षण संस्थान, सुरत किरण पटेल को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 से सम्मानित किया गया और शिक्षण विभाग, गुजरात द्वारा शिक्षण संस्थान-2023 का सम्मान प्राप्त हुआ है। शिक्षा समाज का वह नाम है, जिसमें सूरत और सीरत दोनों को खूबसूरत बनाया जा सकता है।