मुरली माळी का बैकस्टेज कलाकार से सीरियल कलाकार बनने तक का सफर

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मुरली माळी का बैकस्टेज कलाकार से सीरियल कलाकार बनने तक का सफर

जैनशिल्प समाचार, सूरत
(संकलन ः भरत माली)

"मुरली माळी एक प्रेरणादायक कलाकार हैं"
एक बैकस्टेज कलाकार से लेकर एक सीरियल कलाकार बनने तक का सफर बेहद चुनौतीपूर्ण और प्रेरणादायक हो सकता है। सूरत के कलाकार मुरली माळी संघर्ष भरी यात्रा पर निकले हैं। यह यात्रा न केवल कड़ी मेहनत और प्रतिभा पर आधारित है, बल्कि संयम, धैर्य और अवसर की सच्ची पहचान भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस अभिनेता ने यह भूमिका बखूबी निभाई है।


शुरुआत: मंच के पीछे (बॅकस्टेज) से शुरुआत कि है 
मुरली माळी ने अपने करियर की शुरुआत एक कठिन सफर से की। उन्होंने सूरत में लगभग हर नाटक ग्रुप में काम करने की कोशिश की है। सभी ने इसे तकनीकी स्तर पर या मंच के पीछे काम करने का सुझाव दिया। लेकिन दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से हम आज इस मुकाम पर हैं।
इस कलाकार अक्सर छोटी भूमिकाएं पाने, से लेकर थिएटर में मंच के पीछे काम करने या ऑडिशन देने के लिए लंबी लाइनों में खड़े होकर अपनी यात्रा शुरू की है।
उसने ये सारे काम किये हैं। रंगमंच और नाटक की दुनिया में वे नेपथ्य सहायक के रूप में सामने आए हैं, जो प्रकाश व्यवस्था, निर्देशन या मंच सज्जा में सहायता करते रहे हैं।


अथक प्रयास और छोटी-छोटी भूमिकाओं के लिए ऑडिशन देने के बाद उन्हें एक-दो भूमिकाएं मिलनी शुरू हो गईं। शुरुआत में उन्हें बिना संवाद वाली भूमिका, साइड रोल या सिर्फ एक एपिसोड के लिए छोटी भूमिका मिलती थी।

उन्होंने प्रतिभा और कड़ी मेहनत से अपनी पहचान बनाई है।

जैसे-जैसे कलाकार पटकथा और अभिनय पर अधिक मेहनत करता है, वह निर्माताओं और निर्देशकों का ध्यान आकर्षित करता है। चरित्र को ईमानदारी और कुशलता से निभाना, शूटिंग के दौरान समय सारणी का पालन करना और इन्डस्ट्री मे लोगो के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना जैसी बातों ने उन्हें सफलता प्राप्त करने में मदद की है।
उन्होंने अब तक मेरी दुर्गा, लक्ष्मी सदायव, मंगलम, मेरे साईं, मारु मन मोही गयु, रंगई जाने रंगमन जैसे सीरियल्स में काफी अच्छे किरदार मे दिखाई दिए है। अभीतक लगभग 130 जितने बडी बडी कोर्पोरेट विग्यापनो मे भी अभिनय किया है। उन्होंने आठ वेब सीरीज और पांच हिंदी फीचर फिल्मों में भी काम किया है। अभी उनका नया सीरियल शिर्डी वाले साईं बाबा आ रहा है। इसमें उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
उनकी एक और खासियत यह है कि वे सूरत के कलाकारों को भी हमेशा काम उपलब्ध कराते हैं। वह सूरत के अपने साथी कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास करते हैं और बिना किसी अहंकार के सभी के साथ संबंध बनाए रखते हैं। इसके अलावा, हर कलाकार हमेशा काम दिलाने के लिए प्रयासरत रहते है। अब तक सूरत के कई कलाकार ऐसे हैं जो मुंबई जाए बिना ही मुरली माळी के संपर्क से यही से (सूरत) से ही ऑडिशन देकर काम पा लेते हैं।

 

सफलता के बाद जिम्मेदारियाँ
सीरियल कलाकार बनने के बाद भी आपको कड़ी मेहनत जारी रखनी पड़ती है। यही उनका मानना ​​है। यदि शो अल्पकालिक है, तो आपको नए अवसर ढूंढने पडते है, लगातार प्रयास करते रहना होता है और दर्शकों के साथ जुड़े रहना होता है।
संघर्ष की यह यात्रा बताती है कि सच्ची मेहनत, धैर्य और सपनों को जिंदा रखकर एक साधारण व्यक्ति भी सफलता प्राप्त कर सकता है!