शुद्ध भावों के साथ गुरू की आराधना करने से मनोकामना पूर्ण होती है-साध्वी विधुत्प्रभाश्र

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शुद्ध भावों के साथ गुरू की आराधना करने से मनोकामना पूर्ण होती है-साध्वी विधुत्प्रभाश्र

*कुशल वाटिका में चोथे दिन श्रीदादा गुरूदेव महापूजन सम्पन्न*

*दादा गुरूदेव के महापूजन में भक्ति में झूम उठे श्रद्वालु*

*पंच दिवसीय महापूजन के अन्तिम दिन आज होगा श्री नाकोड़ा भैरव का महापूजन*

बाड़मेर 15 सितम्बर। कुशल वाटिका प्रांगण में पंच दिवसीय आयोजन के चैथे दिन श्री दादा गुरूदेव महापूजन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। गुरूवार को महापूजन में सम्बोधित करते हुए साध्वी विधुत्प्रभाश्री ने कहा कि इस भूमि का अद्भुत प्रभाव है। उन्होंने कहा कि यह स्थान जिन मन्दिर, दादावाड़ी, नवग्रह मन्दिर, देवी-देवताओं के मन्दिर के साथ कई साधु संतों की आराधना भूमि है। इस भूमि पर कुशल गुरुदेव प्रत्यक्ष है और आज भी प्रकट प्रभावी है। शुद्ध भावों के साथ गुरू की आराधना करने से मनोकामना पूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि गुरुदेव के प्रति आस्था का प्रभाव है कि गुरूदेव ने लाखों लोगो को जैन बना दिया था। आज के युग में भी अजमेर, महरौली, मालपुरा, ब्रह्मसर, बिलाड़ा जैसी धरती पर मेले पर हजारों की संख्या में पुरे भारतभर से गुरूभक्त पहुंचते है। कुशल वाटिका ट्रस्ट के उपाध्यक्ष द्वारकादास डोसी व कोषाध्यक्ष बाबुलाल टी बोथरा ने बताया कि कुशल वाटिका प्रांगण में चातुर्मास में विराजित खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी की अज्ञानुवर्तिनी बहन म.सा. ड़ॉ विधुत्प्रभा श्रीजी म.सा. की पावन प्रेरणा से व माताजी म.सा. रत्नमाला श्रीजी व अन्य साध्वीवृन्द की पावन निश्रा में कुशल वाटिका में 12 सितम्बर से 16 सितम्बर तक पांच दिवसीय महापूजन का आयोजन के चैथेे दिन श्री दादा गुरूदेव महापूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। महापूजन में दादावाड़ी प्रांगण में चारोे दादा गुरूदेव की प्रतिमा के समक्ष विभिन्न मंत्रोच्चार के माध्यम से आह्वान किया गया तथा जल, चंदन, पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, नैवेद्य, फल आदि के माध्यम से पूजन किया गया और शान्ति स्नात्र पूजन किया गया। कुशल वाटिका परिसर में महापूजन को लेकर फलो, अनाज, आदि से मांडणा बनाया गया। दादावाडी प्रांगण में दादा जिनदतसूरी गुरूदेव, दादा जिनचन्द्रसूरी मणिधारी दादा, दादा जिनकुशलसूरी गुरूदेव व दादा जिनचन्द्रसूरी गुरूदेव की प्रतिमाओं के आगे गुरु के नव अंगों की केशर से पूजा की गई व गुरु के चरणों मे अष्ट प्रकारी महापूजन का आयोजन किया गया। बोथरा नेे बताया कि अशोक बोथरा व गौरव मालू एण्ड पार्टी द्वारा भजनो की शानदार प्रस्तुतियां दी गई। गुरूवर्याश्री व  गुरुभक्त सम्पतराज धारीवाल, सम्पतराज बोथरा द्वारा प्रस्तुत भजन पलके ही पलके बिछाएंगे जिस प्यारे दादा घर आएंगे, गुरूवर तेरे चरणों की थोडी धूल जो मिल जाये एवं पूजन का है दिन दादा आज थाने आणो है भजन पर भक्त जमकर झुमे। महापूजन के बाद महाआरती का आयोजन किया गया। पूजन में विधिकारक अरविन्द भाई इन्दौर द्वारा मंत्रोचार के साथ भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। महापूजन के चैथे दिन गुरूवार को श्री दादा गुरूदेव के महापूजन में भक्ति के माध्यम से विधिकारक अरविंद भाई इंदौर द्वारा मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से करवाया गया, जैन संगीत सम्राट गौरव मालू द्वारा महापूजन में भक्ति में महिलाओं व पुरुषों सहित लाभार्थी परिवार झूम उठे। दादा गुरूदेव के महापूजन का लाभ दादा गुरूदेव भक्त परिवार द्वारा लिया गया। कुशल वाटिका उपाध्यक्ष रतनलाल संखलेचा व मंत्री सम्पतराज बोथरा दिल्ली ने बताया कि महापूजन कार्यक्रम के दौरान पूजन समापन के बाद दादा गुरूदेव की आरती का लाभ श्रद्वेय कमलादेवी बाबुलाल भूरचन्द लूणिया परिवार धोरीमना वाले हाल बाड़मेर व मंगल दीपक का लाभ मिश्रीमल भंवरलाल बोहरा परिवार द्वारा लिया गया। महापूजन के कार्यक्रम में श्री जिन कुशलसूरी सेवाश्रम ट्रस्ट, कुशल वाटिका, केयुप, केएमपी, केबीपी सहित जैन बन्धुओं ने सेवाएं प्रदान की। इस महापूजन के दिन मुलनायक भगवान की प्रतिमा को रत्नों से जड़ी और सोने जैसी आंगी सजाई गई। इस महापूजन में उपाध्यक्ष द्वारकादास डोसी, उपाध्यक्ष रतनलाल संखलेचा, मंत्री सम्पतराज बोथरा दिल्ली, कोषाध्यक्ष बाबुलाल टी बोथरा, प्रचारमंत्री केवलचन्द छाजेड़, सम्पतराज धारीवाल सनावड़ा, कैलाश धारीवाल, सोहनलाल गोठी, गौतमचन्द डूंगरवाल, चम्पालाल बोथरा, राजु कोटड़िया, सम्पतराज बोथरा अवतारी, मांगीलाल संखलेचा, छोगालाल मेहता, सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।
*कार्यक्रम के अन्तिम दिन आज होगा श्री नाकोड़ा भैरव महापूजन का आयोजन*- कुशल वाटिका प्रचारमंत्री केवलचंद छाजेड़ ने बताया कि कुशल वाटिका प्रांगण में पंच दिवसीय महापूजन के पांचवें दिन शुक्रवार को श्री नाकोड़ा भैरवदेव के महापूजन का आयोजन होगा। इस महापूजन का लाभ सुमित्रादेवी मांगीलाल आसुलाल मालू परिवार मालेगांव द्वारा लिया गया है। बाडमेर में पहली बार ऐसे पंच दिवसीय महापूजन ऐतिहासिक बनाने के लिए सैकड़ों गुरूभक्तों ने बढ चढ कर भाग लिया। महापूजन में सैकडों महिलाएं व पुरूष भाग ले रहे है।