कुशल वाटिका में पंच दिवसीय महापूजन का कार्यक्रम सम्पन्

Jainshilp samachar

*धर्म के मार्ग पर चलकर व्यक्ति अपने जीवन का कल्याण कर सकता है-साध्वी विधुत्प्रभाश्री*

*कुशल वाटिका में पंच दिवसीय महापूजन का कार्यक्रम सम्पन्*

*नाकोड़ा भैरवदेव के महापूजन में भक्ति में झूम उठे श्रद्वालु*

*पंच दिवसीय महापूजन के अन्तिम दिन हुआ श्री नाकोड़ा भैरव का महापूजन*

*महापूजन की पूर्णाहुति पर यज्ञ में दी आहुंतियां*

बाड़मेर 16 सितम्बर। कुशल वाटिका प्रांगण में पंच दिवसीय आयोजन के समापन के अन्तिम दिन शुक्रवार को श्री नाकोड़ा भैरव महापूजन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। गुरूवार को महापूजन में सम्बोधित करते हुए साध्वी विधुत्प्रभाश्री ने कहा कि कुशल वाटिका में पंच दिवयीय महापूजन में महिलाओं व पुरूषों ने अपना धर्म निभाते हुए महापूजन में भाग लिया और अपने कर्मो की निर्जरा की। साध्वी ने कहा कि धर्म के मार्ग पर चलकर व्यक्ति अपने जीवन का कल्याण कर सकता है। श्री नाकोड़ा भैरव देव महान चमत्कारी, मनोवांछित फल दाता और नवग्रह का निवारण करने वाले हैं। जो भी उन्हें दिल से याद करता है उनकी इच्छाएं तुरंत पूरी होती हैं। नाकोड़ा भैरव देव कलयुग के हाजरा हजूर देव है। उनके द्वार पर आया हुआ कोई खाली नहीं जाता है। हम रोज उनके नाम की एक माला फेरें और गरीबों व जरूरतमंदों की निस्वार्थ सेवा और सहयोग करें तो हमारी किस्मत के बंद दरवाजे खुलते हुए देर नहीं लगेगी। कुशल वाटिका ट्रस्ट के उपाध्यक्ष द्वारकादास डोसी व कोषाध्यक्ष बाबुलाल टी बोथरा ने बताया कि कुशल वाटिका प्रांगण में चातुर्मास में विराजित खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी की अज्ञानुवर्तिनी बहन म.सा. ड़ॉ विधुत्प्रभा श्रीजी म.सा. की पावन प्रेरणा से व माताजी म.सा. रत्नमाला श्रीजी व अन्य साध्वीवृन्द की पावन निश्रा में कुशल वाटिका में पंच दिवसीय महापूजन के आयोजन की पुर्णाहुति के अन्तिम दिन श्री नाकोड़ा भैरव महापूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। महापूजन में नाकोड़ा भैरव मन्दिर में नाकोड़ा भैरवदेव की प्रतिमा के समक्ष विभिन्न मंत्रोच्चार के माध्यम से आह्वान किया गया तथा जल, चंदन, पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, नैवेद्य, फल आदि के माध्यम से पूजन किया गया और शान्ति स्नात्र पूजन किया गया। कुशल वाटिका परिसर में महापूजन को लेकर फलो, अनाज, आदि से मांडणा बनाया गया। गौरव मालू एण्ड पार्टी द्वारा भजनो की शानदार प्रस्तुतियां दी गई। गुरूवर्याश्री व विधिकार अरविन्द भाई, गुरुभक्त सम्पतराज धारीवाल द्वारा प्रस्तुत भजन आवणो पड़ेला भैरू थाने आवणो पड़ेला, रूम झुम करता पधारो म्हारा भैरू जी थारा टाबरिया जोवै थारी बाट...भक्ति की है बात भैरू जी आज थाने आनो है...जब कोई नहीं आता मेरा बाबा आता है...जैसे भजन गुनगुनाए तो भाई बहन खड़े होकर नृत्य करने लग गए। महापूजन के बाद महाआरती का आयोजन किया गया। महापूजन के समापन के दिन शुक्रवार को श्री नाकोड़ा भैरव के महापूजन में भक्ति के माध्यम से विधिकारक अरविंद भाई इंदौर द्वारा मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से करवाया गया, जैन संगीत सम्राट गौरव मालू द्वारा महापूजन में भक्ति में महिलाओं व पुरुषों सहित लाभार्थी परिवार झूम उठे। नाकोड़ा भैरवदेव के महापूजन का लाभ सुमित्रादेवी मांगीलाल आसुलाल मालू परिवार मालेगांव द्वारा लिया गया। नाकोड़ा भैरवदेव की नौ गाथाओं के साथ सज्ञ में आहुतियां दी गई, जिसमें प्रथम 12 गोटे की आहुति रतनलाल केशरीमल संखलेचा, द्वितीय आहुति धर्मीदेवी शंकरलाल वडेरा, तीसरी आहुति ढेलीदेवी केशरीमल बोथरा, चैथी आहुति मांगीलाल चिन्तामणदास संखलेचा, पांचवीं आहुति सम्पतराज खीमराज बोथरा दिल्ली, छठी आहुति बाबुलाल टीलचन्द बोथरा, सातवीं आहुति जगदीशचन्द ताराचन्द धारीवाल, आठवीं आहुति छगनलाल माणकमल बोथरा व अन्तिम नवमीं आहुति गेरीदेवी हीरालाल छाजेड़ पारले वाले परिवार द्वारा विभिन्न मन्त्रोच्चार के साथ यज्ञ में आहुतियां दी गई। कुशल वाटिका उपाध्यक्ष रतनलाल संखलेचा व मंत्री सम्पतराज बोथरा दिल्ली ने बताया कि महापूजन कार्यक्रम के दौरान पूजन समापन के बाद नाकोड़ा भैरवदेव की आरती का लाभ द्वारकादास भगवानदास डोसी परिवार चोहटन वाले हाल बाड़मेर द्वारा लिया गया, महापूजन में अभिमन्त्रित चांदी का सिक्का घर ले जाने का लाभ सम्पतराज विरधीचन्द धारीवाल परिवार सनावड़ा वालों ने लिया। महापूजन के कार्यक्रम में श्री जिन कुशलसूरी सेवाश्रम ट्रस्ट, कुशल वाटिका, केयुप, केएमपी, केबीपी सहित जैन बन्धुओं ने सेवाएं प्रदान की। पंच दिवसीय महापूजन की पुर्णाहुति का लाभ दिपककुमार, अंकितकुमार, राहुलकुमार सुपुत्र मांगीलाल वगतावरमल बोहरा परिवार जिजनीयाली वालों द्वारा लिया गया और लाभार्थी परिवार द्वारा यज्ञ में पुर्णाहुति देकर समापन पर सुख समृद्वि की कामना की। इस महापूजन के दिन मुलनायक भगवान की प्रतिमा को रत्नों से जड़ी और सोने जैसी आंगी सजाई गई। इस महापूजन में उपाध्यक्ष द्वारकादास डोसी, उपाध्यक्ष रतनलाल संखलेचा, मंत्री सम्पतराज बोथरा दिल्ली, कोषाध्यक्ष बाबुलाल टी बोथरा, प्रचारमंत्री केवलचन्द छाजेड़, सम्पतराज धारीवाल सनावड़ा, चम्पालाल छाजेड़ पारले, कैलाश धारीवाल, सोहनलाल गोठी, खीमराज मालू कगाउ, राजु कोटड़िया, सम्पतराज बोथरा अवतारी, मांगीलाल संखलेचा, मेवाराम बोथरा, सहित मदनलाल बोहरा, सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।
प्रेषक-कपिल मालू