पत्रकार, गौरव बोहरा
बाडमेर । थार नगरी बाड़मेर की धन्यधरा पर खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की आज्ञानुवर्तिनी बहन म.सा. डॉ. विधुतप्रभा श्रीजी म.सा. आदि ठाणा के पावन निश्रा में दीक्षार्थी बहन मुमुक्षु रवीना बोथरा का भव्य वर्षीदान का वरघोड़ा निकाला गया। मुमुक्षु परिवार के लूणकरण बोथरा ने बताया कि संसारिक मोह माया को त्याग संयम पथ अंगीकार करने जा रही दिक्षार्थी बहन रवीना बोथरा का भव्य वरघोडा निवास स्थान न्यू जैन मौहल्ला, स्कूल नम्बर 04 के पास से रविवार को प्रात 8.30 बजे साध्वी डॉ. विधुतप्रभा श्रीजी म.सा. के मांगलिक के साथ रवाना हुआ। जो शहर के मुख्य मार्गाे से होता हुआ आराधना भवन पहुंचा, जहां उसके बाद वरघोडा धर्मसभा में परिर्वतित हो गया। सबसे आगे जैन ध्वज लिए घुडसवार ,बाडमेर बैण्ड की सुमधुर धुन के साथ ,ढोल वादक ,साध्वी मण्डल, श्रावक वर्ग, दिक्षार्थी का रथ, महिलाओ के साथ वरघोडे में मुमुक्षु रथ पर सवार होकर वर्षीदान कर रही थी वही श्रद्धालुगण दिक्षार्थी अमर रहे के जयघोष से उसका अभिवादन कर रहे थे। आगामी 27 अप्रेल को दीक्षार्थी रवीना बोथरा आलम नगरी धोरीमन्ना में खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के हाथों से दीक्षा ग्रहण करेगी।
यहां से गुजरा वरघोडा
वरघोडा मुकेशकुमार मेवाराम बोथरा के निवास न्यु जैन मौहल्ला से रवाना होकर करमु जी की गली, दरियागंज, जैन न्याति नोहरा, पीपली चौक, जवाहर चौक, छोटी ढाणी, तेरापंथ भवन होता हुआ आराधना भवन पहुॅचा जहां दिक्षार्थीे बहन रवीना बोथरा ने वर्षीदान किया। रास्ते में जगह-जगह चावल की गहुंली केेे साथ लोगो ने पुष्पों की वर्षा कर वरघोड़े व साध्वी भगवंतो का स्वागत किया। बोथरा ने बताया कि इस अवसर पर डॉ. विधुतप्रभा श्री ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य जीवन मोक्ष का प्रवेश द्वार है जिसके लिए श्रावक श्राविकाओं को संयम ग्रहण करना आवश्यक है। आज मुमुक्षु रवीना बोथरा उसी पथ की ओर अग्रसर हो रही है। जो सहन करता है वही सिद्वपुरुष बनता है। उन्होने कहा कि हमारी प्रार्थना तभी पूर्ण होगी जब हमें परमात्मा को पाने की प्यास होगी। साध्वीजी ने दीक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि धर्म चार प्रकार का होता है जो कि दान, शील, तप व भाव। इसी तरह कषाय का महत्व समझाते हुए कहा कि क्रोध, मान, माया लोभ एवं संज्ञा के बारे में कहा कि आहार, भय, मैथुन परिग्रह का जीवन में त्याग करने का कहा। इस अवसर पर दीक्षार्थी रवीना बोथरा ने कहा कि वो आभारी है अपने माता पिता की उन्होने मुझे संयम पथ पर जाने की अनुमति सहर्ष प्रदान की। उन्होने कहा कि संसार में रहकर अपने आप को मोक्ष के पथ पर नही ले जा सकती थी इस लिए मैने ये मार्ग अपनाया है। इस अवसर पर श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ चार्तुमास समिति, बोथरा भाईपा ट्रस्ट बाड़मेर, हिम्मतरामोणी बोथरा परिवार व खरतरगच्छ जैन युवा परिषद की ओर से मुमुक्षु बहन रवीना बोथरा का तिलक, माला, चुनड़ी, श्रीफल से अभिनन्दन करते हुए अभिनन्दन पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन मुकेश बोहरा अमन ने किया। कार्यक्रम के अन्त में दीक्षार्थी परिवार की और से लूणकरण बोथरा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति सचिव रमेश पारख, ट्रस्टी पारसमल धारीवाल, संजय छाजेड़, पूर्व नगर परिषद सभापति लूणकरण बोथरा, पूर्व नाकोड़ा अध्यक्ष एडवोकेट अमृतलाल जैन, माणकमल बोथरा, जैन श्री संघ सहमंत्री जगदीशचन्द बोथरा, कुशल वाटिका उपाध्यक्ष रतनलाल संखलेचा, कुशल वाटिका सहकोषाध्यक्ष जगदीशचन्द बोथरा, चम्पालाल बोथरा, नाकोड़ा ट्रस्टी छगनलाल बोथरा, डॉ. रणजीतमल जैन, मेवाराम बोथरा, जेठमल बोथरा, बंशीधर बोथरा, सुरेश बोथरा, गौतम बोथरा गैस, कपिल बोथरा, सम्पतराज छाजेड़ पपई, खरतरगच्छ युवा परिषद अध्यक्ष मदनलाल बोथरा गोड़ाणी, वीरचन्द भंसाली, भूरचन्द संखलेचा मिर्ची, सतीष छाजेड़, सम्पतराज मालू, ललित डूंगरवाल, सीए. जितेन्द्र बोथरा, पारसमल बोथरा, गौतम बोथरा, अशोक भूणिया, मेवाराम मालू, पुरूषोतम संखलेचा, बंशीधर बोहरा, भंवरलाल मालू कगाउख् मांगीलाल संखलेचा व आस-पास से कई क्षेत्रो से श्रद्वालु ने वरघोडे मे भाग लिया।
27 अप्रेल को होगी धोरीमन्ना नगर में भव्य दीक्षा
मुकेश बोथरा ने बताया कि मुुलतः बाड़मेर जिले के धोरीमना की रहने वाली मुमुक्षु रवीना बोथरा 27 अप्रेल को धोरीमन्ना नगर में दिक्षा ग्रहण कर बहन म.सा. डॉ. विधुतप्रभा श्रीजी की शिष्या बनेगी।
खरतरगच्छाधिपति का कुशल वाटिका से धोरीमन्ना की और विहार आज होगा
खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. का बाड़मेर से धोरीमन्ना के लिए सोमवार को विहार करंेगे। आचार्य श्रीजी सोमवार को बाड़मेर से धोरीमन्ना के लिए भीषण गर्मी में पैदल विहार कर धोरीमन्ना पहुंचेगे जहां वो रवीना बोथरा की भगवती दिक्षा में अपनी निश्रा प्रदान करेंगे। बहन म.सा. डॉ. विधुतप्रभा श्रीजी म.सा. का विहार कुशल वाटिका से रविवार को हो गया है।