ज्ञान पंचमी के उपलक्ष में कुशल वाटिका में साध्वी मण्डल द्वारा मां सरस्वती का पूजन का हुआ कार्यक्रम

BARMER PROGRAMME

कुशल वाटिका में शनिवार को लगा मेला, साध्वी विधुतप्रभा श्री की निश्रा में हुआ मेला व ज्ञान पंचमी का कार्यक्रम
JAINSHILP SAMACHAR
बाडमेर । स्थानीय कुशल वाटिका में विश्व का अद्वितीय राजहंस मन्दिर में ज्ञान पंचमी के दिन व शनिवार को आयोजित मेले में सैकड़ो श्रद्वालुओं ने दर्शन कर पूजा अर्चना कर मां सरस्वती की आराधना की। कुशल वाटिका ट्रस्ट के अध्यक्ष भंवरलाल छाजेड़़ व कोषाध्यक्ष बाबुलाल टी बोथरा ने बताया कि बाडमेर शहर के समीप कुशल वाटिका प्रांगण शनिवार को विशेष मेले का आयोजन किया गया, जिसमें ज्ञान पंचमी को लेकर विशेष मां सरस्वती की आराधना का कार्यक्रम अयोजित किया गया। ज्ञान पंचमी के दिन बाडमेर सहित आस-पास के अन्य गावों से पधारे श्रद्वालुओं कुशल वाटिका पहुंच कर दर्शन वन्दन कर पूजा अर्चना की। कुशल वाटिका में मुनिसुव्रत स्वामी भगवान मन्दिर, दादावाडी, नवग्रह मन्दिर, गुरू मन्दिर, देवी-देवताओ के आदि मन्दिरो के दर्शन, पूजा का आनन्द लिया। छाजेड़ ने बताया कि शनिवार को कुशल वाटिका में प्रातः 6 बजे से भक्तो का दर्शन व पूजा के लिए आना-जाना शुरू हो गया जो पुरे दिन मेले का माहौल बना रहा और दिपावली के बाद विशेष कर गुजरात सहित कई राज्यों से सैकड़ो भक्त दर्शन को पधारे। इस अवसर पर कुशल वाटिका में प्रातः 07.30 बजेे गिरनार भक्त मण्डल द्वारा घंटनाद व शंखनाद व ढोल की थाप लय व सुर के साथ भक्ति भावना के माध्यम से भगवान का पक्षाल किया गया और विधि-विधान व श्लोक के साथ केशर पूजा व भक्तिमय आरती की गई। भक्तों द्वारा केशर पूजा करने से मन को शान्ति जैसा आनन्द मिल रहा था। जहां कुशल वाटिका ट्रस्ट मण्डल की और से भाता प्रभावना दी गई। चातुर्मास के दौरान कुशल वाटिका में विराजमान कुशल वाटिका प्रेरिका डॉ. विधुतप्रभा श्रीजी म.सा. व माताजी म.सा. रत्नमाला श्रीजी व अन्य साध्वीवृंद्व के दर्शन वन्दन की सुखशाता पुछी। साध्वी डां. विधुत्प्रभाश्री ने ज्ञान पंचमी पर सम्बोधित करते हुए कहा कि इस ज्ञान पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। माता सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और शिल्प-कला की देवी माना जाता है। लोग ज्ञान प्राप्ति और सुस्ती, आलस्य एवं अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए, बंसत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की उपासना करते हैं। इस दिन शिक्षा आरम्भ का भी विधान है। बोथरा ने बताया कि कुशल वाटिका में शनिवार को मुनिसुव्रत स्वामी के पक्षाल व केशर पूजा का लाभ रिखबदास गणेशमल गोलेच्छा परिवार द्वारा लिया गया, जिनका ट्रस्ट मण्डल द्वारा अनुमोदना की गई। कुशल वाटिका शनिवार मेले में कुशल वाटिका अध्यक्ष भंवरलाल छाजेड़, उपाध्यक्ष द्वारकादास डोसी, उपाध्यक्ष रतनलाल संखलेचा, कोषाध्यक्ष बाबुलाल टी बोथरा, निर्माणमंत्री शंकरलाल धारीवाल, सहनिर्माण मंत्री रमेश सर्राफ, ट्रस्टी प्रकाशचन्द कानुनगो बॉम्बे, छगनलाल बोथरा, कैलाश धारीवाल, केयुप राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पुरूषोतम सेठिया, शासन सेवक शासन भाई शाह, प्रवीण बोथरा, अशोक राजपुरोहित, दिनेश बोहरा, अशोक गोलेच्छा, अमृतलाल पारख बालोतरा, अरविन्द धारीवाल, विपुल बोथरा, भरत संखलेचा, हिमांशु धारीवाल, जय श्रीश्रीमाल, सुनिल सिंघवी सहित ट्रस्ट मण्डल के साथ साथ अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद, अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद, गिरनार भक्त मण्डल, कुशल वाटिका मित्र मण्डल, सहित कई भक्तगण उपस्थित थे।