आचार्यश्री की 37वीं पुण्यतिथि पर कुशल वाटिका में गुरूपूजा का आयोजन हुआ
Acharya
बाड़मेर । बाड़मेर-अहमदाबाद रोड़ पर स्थित कुशल वाटिका प्रांगण में मंगलवार को आचार्य श्री मज्जिन कांतिसागरसूरीश्वर म.सा. के 37वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष में भव्य गुरूपूजा का कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कुशल वाटिका़ ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रतनलाल संखलेचा व सहमंत्री गौतमचन्द बोथरा़ ने बताया कि कुशल वाटिका मन्दिर परिसर में मंगलवार को परम पूज्य आचार्य श्री मज्जिन कांतिसागरजी म.सा. की 37वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष में कुशल वाटिका ट्रस्ट, अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद केयुप व अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद केएमपी के तत्वाधान में लाभार्थी परिवार गुरूभक्त श्रद्धेय टीपूदेवी भूरमल बोथरा परिवार द्वारा खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के आर्शीवाद से बहन म.सा. डॉ. विधुत्प्रभाश्रीजी की प्रेरणा से माताजी म.सा. रतनमाला श्रीजी म.सा., साध्वी प्रज्ञाजंना श्रीजी म.सा. व साध्वी नीतिप्रज्ञा श्रीजी की पावन निश्रा में प्रातः 09.30 बजे गुरू मन्दिर में संगीत सम्राट गौरव मालू द्वारा मंत्रोच्चार व भक्ति भावना के माध्यम से गुरूपूजा के कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस गुरूपूजा में श्रद्धा के साथ अष्ठप्रकारी पूजा करते हुए आचार्यश्री को सच्ची श्रद्धा सुमन अर्पित की गई और भक्ति भावना के साथ महापूजन में गुरूभक्त झुमे। प्रचारमंत्री केवलचन्द छाजेड़ ने बताया कि खरतरगच्छ आचार्यों में जिन कांतिसागरसूरीश्वरजी म.सा. प्रखर आचार्य हुए, जिनका बाड़मेर के प्रति स्नेह व वात्सल्य बहुत था और इनके चार चातुर्मास खरतरगच्छ की राजधानी बाड़मेर संघ में ऐतिहासिक हुए। आचार्य श्री द्वारा बाड़मेर से पालीतणा पैदल यात्रा संघ स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। आर्चायश्री के कर कमलों से ढाणी जैन मन्दिर, चन्द्रप्रभु मन्दिर, शांतिनाथ जिनालय, दादावाड़ी जैसे कई मन्दिरों की प्रतिष्ठा हुई है। आचार्य श्री के देवलोकगमन के बाद वर्तमान में इनके दो शिष्य खरतरगच्छ के सितारे है जिसमें एक खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी गच्छ की व्यवस्थाएं देख रहे है ओर दूसरे श्री जिन मनोज्ञसूरीश्वरजी म.सा. वर्तमान में आचार्य पद पर आरूढ़ होने के बाद संघ एकता सूत्रधार के नाम से जाने जाते है और खरतरगच्छ संघ के सितारे है । आचार्य श्री द्वारा खरतरगच्छ संघ के हित में बाड़मेर संघ कभी भूल नही पायेगा। इस गुरूपूजा के दौरान कुशल वाटिका उपाध्यक्ष रतनलाल संखलेचा, सहमंत्री गौतमचन्द बोथरा, प्रचारमंत्री केवलचन्द छाजेड़, ट्रस्टी सम्पतराज धारीवाल सनावड़ा, कैलाश कोटड़िया, पूर्व नगर परिषद सभापति उषा जैन, केयुप अध्यक्ष प्रकाश पारख, केएमपी अध्यक्षा सरिता जैन, गौतमचन्द बोथरा, राणामल धारीवाल, रमेश कानासर, भूरचन्द सिंयाणी, जितेन्द्र सेठिया, सुनिल बोथरा, भैरव मालू, कपिल बोथरा सहित कई गुरूभक्त उपस्थित थे।