विजयदशमी बौद्धों का पवित्र त्यौहार, सम्राट अशोक ने इसी दिन बुद्ध दीक्षा ग्रहण की

jainshilp samachar

विजयदशमी बौद्धों का पवित्र त्यौहार, सम्राट अशोक ने इसी दिन बुद्ध दीक्षा ग्रहण की

महान सम्राट अशोक के कलिंग युद्ध में विजयी होने के दसवें दिन मनाये जाने के कारण इसे अशोक विजयदशमी कहते हैं, इसी दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी। विजय दशमी बौद्धों का पवित्र त्यौहार है। ऐतिहासिक सत्यता है कि महान सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद हिंसा का मार्ग त्याग कर बुद्ध धम्म अपनाने की घोषणा कर दी थी।बौद्ध बन जाने पर वो बौद्ध स्थलों की यात्राओं पर गए। तथागत भगवान बुद्ध के जीवन को चरितार्थ करने और अपने जीवन को कृतार्थ करने के लिए निमित्त 84 हजार स्तुपों ,शिलालेखो ,धम्म स्तम्भों का निर्माण कराया। सम्राट अशोक के इस धार्मिक परिवर्तन से खुश होकर देश की जनता ने उन सभी स्मारकों को सजाया-सवारा और उस पर दीपोत्सव किया। यह आयोजन हर्षोलास के साथ 10 दिनों तक चलता रहा, दसवें दिन महान सम्राट अशोक ने राजपरिवार के साथ पूज्य भंते मोग्गिलिपुत्त तिष्य से धम्म दीक्षा ग्रहण की।