ज्ञान वाटिका के बच्चों का अभिनन्दन समारोह का कार्यक्रम सम्पन
Jainshilp Samachar
आराधना भवन में बहन म.सा. विधुत्प्रभाश्री की निश्रा में हुआ कार्यक्रम
समाज में बच्चे भविष्य के कर्णधार है-साध्वी विधुत्प्रभाश्री
बाड़मेर । स्थानीय श्री जिनकान्तिसागरसूरी आराधना भवन में मंगलवार को प्रातः 10.00 बजे ज्ञान वाटिका के गुरूजनों व बच्चों का अभिनन्दन समारोह का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। ज्ञान वाटिका संस्थान के अध्यक्ष भूरचन्द संखलेचा स्टील व केयुप अध्यक्ष प्रकाश पारख ने बताया कि अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद केयुप व अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद केएमपी के तत्वाधान में खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की आज्ञा से बहन म.सा. विधुत्प्रभाश्री व साध्वीवृन्द की पावन निश्रा में मंगलवार को श्री जिनकान्तिसागरसूरी आराधना भवन में प्रात 10.00 बजे केयुप व केएमपी द्वारा संचालित चार ज्ञान वाटिका जूना किराडू मार्ग, नाहटों की गली, कल्याणपुरा व खागल मौहल्ला में चल रही ज्ञान वाटिका में ज्ञान की गंगा बहा रहे गुरूजनों और ज्ञान ले रहे नन्हें बच्चों व भामाशाहों का अभिनन्दन समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। अभिनन्दन समारोह का शुभारम्भ में गुरूवर्याश्री को सामुहिक गुरूवन्दन व गुरूवर्याश्री के मुखरबिन्द से मंगलाचरण से कार्यक्रम की विधिवत शुरूवात की गई। संखलेचा ने बताया कार्यक्रम में सर्वप्रथम जैन ध्वज गीत व केएमपी द्वारा स्वागत गीत के साथ प्रस्तुति दी गई। स्थानीय ज्ञान वाटिका के नन्हें बच्चों द्वारा गितिका, नृत्य व उदबोघन द्वारा जानकारी दी गई। कार्यक्रम में भामाशाह कैलाश कोटड़िया ने कहा कि केयुप व केएमपी द्वारा संचालित ज्ञान वाटिका के माध्यम से ज्ञान वाटिकाओं का संचालन हो रहा है जो सराहनीय है, गुरूजन अपनी मेहनत से बच्चों में धार्मिक शिक्षा पैदा कर रहे है जो समाज के लिए कारगार साबित होगा। केएमपी की अध्यक्षा सरिता जैन ने ज्ञान वाटिकाओं के विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए सभी बच्चों का ज्ञान वाटिकाओें से जोड़ने का निवेदन किया। समारोह में उपस्थित जनसमुह को सम्बोधित करते हुए साध्वी डॉ. विधुत्प्रभाश्री ने कहा कि बच्चे भविष्य के कर्णधार है इनके भरोसे पर हमारा जिनशासन है तथा हमारे शासन की अनमोल धरोहर है। हमारा कर्तव्य है कि हमारी संतानों में अच्छे संस्कारों डालें। ज्ञान वाटिकाओं के माध्यम से ही हम हमारी संतान में अच्छे संस्कारों का बीजारोपण कर सकते है। बाड़मेर मेरे गुरूवर्याश्री की समाधि भूमि है और साथ-साथ मेरी कर्म भूमि भी है, जब भी में बाड़मेर आती हुं तो आराधना भवन से होकर ही गुजरती हुं और आराधना भवन मेरी दिल में बसी हुुई है। गच्छाधिपति के आशीर्वाद से शुरू हुई सम्पूर्ण भारत भर में ज्ञान वाटिकाएं आने वाले समय में बेमिसाल साबित होगी और हर बच्चें के हृदय में अपने समाज व साधु-साध्वी भगवन्तों व धर्म के प्रति भावनाएं प्रबल होगी। इस अभिनन्दन समारोह में सकल संघ व शहर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इस अभिनन्दन समारोह में बाड़मेर शहर में चल रही ज्ञान वाटिका के बच्चों का हौसला अफजाई करने के लिए बच्चों का अभिनन्दन किया गया। गौरतलब है कि ज्ञान वाटिका के माध्यम से सैकड़ों बच्चें स्कूल शिक्षा के साथ साथ जैन धर्म के कई सुत्र, पंच प्रतिक्रमण, मन्दिर विधि, व गाथाएं छोटे-छोटे बच्चें कम समय में ही सीख गयें। शहर के भामाशाहों द्वारा ज्ञान वाटिकाओं के संचालन के लिए उदार दिल से सहयोग राशि प्रदान की गई। अभिनन्दन समारोह में पारसमल आसुलाल धारीवाल रामजीगोल, गोदावरीदेवी व्यापारीलाल बोहरा हालावाला परिवार अहमदाबाद, संघवण प्रेमलता विजयराज डोसी परिवार खजवाना हाल बैगलोंर, गेरीदेवी चिन्तामणदास कोटड़िया परिवार, रमेश कुमार बोहरा कोनरा हाल अंकलेश्वर द्वारा ज्ञान वाटिका के बच्चों का अभिनन्दन कर बेग, चांदी के सिके, पानी बोतल व पारितोषिक प्रदान किया गया। सभी ज्ञान वाटिका के गुरूजनों व ज्ञान वाटिका के भवन मालिकों का ज्ञान वाटिका संस्थान द्वारा तिलक, माला, साफा व शॉल ओढाकर अभिनन्दन किया गया। इस कार्यक्रम में जैन श्री संघ, कुशल वाटिका ट्रस्ट, खरतरगच्छ संघ चातुर्मास कमेटी, केयुप, केएमपी, केबीपी, कुशल दर्शन मित्र मण्डल ब्रह्मसर ग्रुप, बच्चों के अभिभावक सहित शहर की कई संस्थाओं के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन केयुप सचिव केवलचन्द छाजेड़ ने किया।