66वां धम्मचक्र परिवर्तन दिन वर्षावास और खीरदान कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ संपन्न
जैनशिल्प समाचार
सूरत
लिंबायत निलगीरी शांतिनगर स्थित विश्व शांतिदूत महाबोधि बुद्ध विहार में 66वां धम्मचक्र परिवर्तन दिन, वर्षावास और खीरदान कार्यक्रम की पूर्णाहुति हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई। अधिक जानकारी देते हुए संस्थापक अध्यक्ष सुभाष झाडे ने बताया कि धम्म उपासक बौद्धाचार्य किशन गवाई तथा उनकी अध्यक्षता में भिख्खु संघ को सुभाष झाडे द्वारा याचना की गई। इसके बाद भिख्खु संघ ने त्रिशरण पंचशील दी और बाद में कार्यक्रम की शुरूआत की गई।
सुभाष झाडे ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि अषाढी पूर्णिमा से अश्विनी पूर्णिमा तक भगवान बुद्धऔर डॉ. बाबा साहब आंबेडकर लिखित उनके धम्म पुस्तक का 3 माह तक पढाई की जा रही है। बुद्ध जीवन पर प्रवचन देने के लिए उपासिका सिंधु वानखेडे, दुर्गाबेन जाधव, विमल गवई और शेषराव खराते ने प्रासंगिक प्रवचन दिया। कार्यक्रम में भदंत विनय बोधिजी, भदंत धम्मरक्षित महाथेरो, भदंत करुणाकीर्ति द्वारा उपस्थित उपासिका, उपासकों को आशीर्वाद व मार्गदर्शन पर प्रवचन दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय प्रमुख शक्ति सेना सी.एम. सोनवणे तथा बौद्धाचार्य वाय. डी. सपकाल, मिशन जयभीम के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष भानुभाई चौहाण तथा बौद्ध समाज अग्रणी सुरेशभाई सोनवणे कोसाड आवास तथा उत्राण, अमरोली क्षेत्र के प्रसिद्ध समाजसेवी तथा समतादळ के अध्यक्ष दिलीप शिरसाठ उपस्थित थे। गौरतलब है कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उपाध्यक्ष राजेश साल्वे, क्रिष्ना वानखेडे, जीतेश सुरवाडे, गणेश अंभोरे ने तन, मन, धन से सेवा दी।
कार्यक्रम का सूत्र संचालन बेडसे मास्टर ने किया। खीरदान सेवा संगीताबेन धूरंधर तथा संगीताबेन हिवाडे ने दी। कार्यक्रम के अंत में महिला धम्म उपासिका मीनाबेन सुभाष झाडे ने आभारविधि की।